Sunday, August 9, 2020

About The Eye Fats And Knowledge In Hindi

  Find out how the eye works | Fact sheet | Vision Eye Institute


1.    कहा जाता है कि आँखों का विकासएक बहुत ही बुनियादी तौर परसबसे पहले जानवरों मेंकरीबन 550 मिलियन साल पहले हुआ था।

2.    दुनिया में बहुमत लोगों की आँखें भूरी होतीं हैं।

3.    असल में हम जो भी देखते हैंहमारे मस्तिष्क से देख पाते हैं। हमारी आँखें सिर्फ एक ज़रिया है जिसके कारण हमारे मस्तिष्क पर हर उस चीज़ की छाप पड़ जाती हैजिसे हम देखते हैं।

4.    कुत्तों की आँखें कुछ ऐसी हैकि वे हरे और लाल रंग के बीच का फरक नहीं पहचान पाते हैं।

5.    हमारी आँखों की पुतली (iris) मेंमैलनिन नाम का तत्वजितना पाया जाता हैउसी पर आधारितहमारी आँखों को अलग-अलग प्रकार के रंग मिलते हैं।

6.    पलक नहीं झपकने के कारणजब हम कुछ पढ़ते हैंया कम्प्यूटर पर काम करते हैंतो हमारी आँखें थक जातीं हैं।

7.    जन्म से ही हमारी आँखों का आकार ना बढ़ता हैना घटता।

8.    किसी से बात करते वक्तहमारी पलकें ज़्यादा झपकती हैं।

9.    मधुमेह (diabetes) के कारणइंसान अंधा भी हो सकता है।

10.हम काकज़ पर लिखे कुछ भी चीज़ को जल्दी पढ़ पाते हैं। मोबाइललैपटॉप या कम्प्यूटर पर हम अक्सर किसी भी चीज़ को 25% धीरे पढ़ते हैं।

11.नवजात शिशुवर्णांध (colour blind) होते हैं।

12.अपनी आँखों को खुला रखकर छींकना असंभव कार्य है।

13.एक शुतुरमुर्ग (ostrich) की आँखेंउसके मस्तिष्क से बड़ी होतीं हैं।

14.इंसान धूसर (grey) रंग के 500 प्रकार को पहचान सकता है।

15.हम एक साल में कम से कम 4,20,000 बार अपनी पलक झपकते हैं।

16.हमारे शरीर में सिर्फ कॉर्निया ही वो ऊतक (tissue) हैजिसमें रक्त वहिकाएँ (blood vessels) नहीं पाईं जाती है।

17.धुम्रपान करने से हमें रात को कम दिखाई देता है।

18.नवजात शिशुओं की आँखों में आँसूओं का विकास तब होता हैजब वे लगभग हफ्ते के शिशु बन जाते हैं।

19.इंसान के आँखों की सर्जरी के लिएएक शार्क के कॉर्निया का इस्तेमाल किया जाता हैक्योंकि इंसान के कॉर्निया सेयही बिल्कुल समान नज़र आता है।

20.आँखों से जुड़ी बीमारियों को 80% ठीक किया जा सकता है।

21.हमारी याददाश्त 80% उन चीज़ों पर आधारित हैजिन्हें हम अपनी आँख़ों से देखते हैं।

22.तेज़ रोशनी में हमें टोपी और धूप का चश्मा पहना चाहिए। इससे हमारी आँखें पराबैंगनी किरणों (UV rays) से सुरक्षित रहतीं हैं।

23.जिस तरह से उंगलियों की छाप में 40 अनोखे तत्व होते हैंउसी तरह हमारे आँख की पुतलियों में 256 प्रकार के अनोखे तत्व होते हैं।

24.हमारे पूरे जीवन काल में हम कम से कम 24 मिलियन चीजें देखते हैं।

25.यह साबित किया गया है कि पुरुषों में छोटे अक्षर पढ़ने की क्षमताऔरतों से ज़्यादा होती है।

26.बिच्छूओं को लगभग 12 आँख़ होते हैं।

27.बॉक्स जैलीफिश के 24 आँख होते हैं।

28.कॉर्निया हमारी आँखों की पुतलियों का एक पारदर्शक (transparent) कवर है।

29.चूहों के एक प्रकार का जन्मखुली आँख़ों के साथ होता है।

30.कीड़ों के आँख़ नहीं होते हैं।

31.उल्लू एक हिलते चूहे को 150 फीट की दूरी से भी देख सकता है।

32.विश्व में लगभग 39 मिलियन लोग अंधे हैं।

33.हमारी आख़ों में जो कोशिकाएँ हैंअलग-अलग आकार के हैं।

34.जो लोग अंधे होते हैंलेकिन जन्म से नहींवो लोग नींद में सपने देख पाते हैं।

35.हमारी आँख़ों को भी धूप की कालिमा (sunburn) हो सकती है।

36.आँखों के डर को ओमाटोफोबिया (ommatophobia) कहते हैं।

37.हमारी आँखें चीज़ों को उलटी दिशा में देखतीं हैंजिसे हमारा मस्तिष्क सीधा कर देता है।

38.मच्छलियाँ अपनी आँखें बंद नहीं कर सकतीं हैं।

39.आल्बर्ट आईंस्टाइन की आँखों कोन्यू यॉर्क मेंएक डब्बे में रखा गया है।

40.लेज़र की एक प्रक्रिया से हम हमारी आँखों का रंग भूरे से नीला कर सकते हैं।

41.कहा जाता है कि सिर्फ 2% इंसानों की आँखें हरे रंग की होतीं हैं।

42.ऐसी भी एक बीमारी होती है जिसमें इंसानों के नेत्रगोलक से बाल उगते हैं।

43.तितलियों के चार आँख होते हैं।

44. 

45.हमारी आँखों को सिर्फ तीन रंग नज़र आते हैं – लालनीलाऔर हरा। बाकी अन्य रंगइन्हीं के मिलने से बनते हैं।

46.एक ऊँठ की बरौनी (eyelash) लगभग 10cm लम्बी होतीं हैं।

47.आँखों के मसल्ससबसे फुर्तीले मसल्स होते हैं।

48.गिरगिट की आँखेंएक दूसरे पर निर्भर नहीं होतीं हैं। वो एक ही बार में दो अलग दिशाओं में देख सकते हैं।

49.हम एक ही सेकंड मेंअपनी पलकों को पाँच बार झपक सकते हैं।

50.किसी भी प्रकार के खतरे को मेहसूस करते हीहमारी आँखें अपने आप ही बंद हो जातीं हैं।

51.हमारी बरौनीगंदगी को हमारी आँखों से दूर रखती है।

52.पृथवी परभारी विद्रूप (colossal squid) की आँखें सबसे बड़ी होतीं हैं।

53.हमारी भौहें (eyebrows), पसीने को हमारी आँखों में जाने से बचाती है।

54.हैटीरोक्रोमीया एक ऐसी स्थिति है जहाँ हमारी आँखों के दो रंग होते हैं।

55.डॉल्फिन अपनी एक आँख खुली रखकर सोता है।

56.मधुमक्खियों के पाँच आँख होते हैं।

57.हमारे मस्तिष्क के बादहमारी आँखें ही शरीर का सबसे जटिल अंग है।

58.जब हमारी आँखों से पानी निकलता हैतो हमारी आँखें उस वक्त सूखे स्थिति में होती है।

59.उल्लू अपने नेत्रगोलक (eyeball) को नहीं घुमा पाते हैं।

60.हमारी उम्र जैसे जैसे बढ़ती हैवैसे वैसे हमारी आँखें आँसूओं को उतपादित करना बंद कर देतीं हैं।

61.एक घंटे में हमारी आँख़ें लगभग 36,000 जानकारियों या नज़ारों को हमारे मस्तिष्क तक पहुँचा सकतीं हैं।

62.वर्णांध होनाअक्सर पुरुषों में देखा जाता है।

63.कम प्रकाश में पढ़ने से हमारी आँख़ों को हानी तो नहीं पहुँचती हैंलेकिन वो थक जाते हैं।

64.जिस मच्छली की चार आँखें होती हैवो पानी के ऊपर और नीचे एक ही बार में देख सकती है।

65.विटामिन  और सी के तत्वहमारी आँखों के लिए अच्छा साबित हुआ है।

66.आँखों की नसों में सहनशीलता कम होने के कारणनेत्र प्रत्यारोपण (eye transplant) की संभावना नहीं है।

67.समुद्री लुटेरों का मानना था कि सोने की बालियाँ पहने सेउनकी आँखों की सेहत अच्छी रहेगी।

68.हमारी भौहें और आँखों के बीच की जगह को ग्लाबैल्ला कहते हैं।

69.बकरियों की आँखों की पुतली आयताकार होती है।

70.सबकी एक आँखदूसरी आँख से ज़्यादा ताकतवर होती है।

71.हमारा नेत्रगोलक (eyeball) लगभग 28 ग्राम का होता है।

72.आँसू हमारी आँखों को साफ रखता है। लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों की समझ से बाहर है कि हम दुखी होते हैं तो रोते क्यों हैं।

73.सभी पक्षियों में सेसिर्फ उल्लू को नीला रंग दिखाई देता है।

74.जब हम रोते हैं तो हमारा नाक इसलिए बेहने लगता हैक्योंकि आँसू हमारे नासिका मार्ग (nasal passages) तक पहुँच जाती है।

                                  Knowledege

आँख हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जिसकी सहायता से हम यह सुंदर संसार देखते हैं  आँख और फोटोग्राफिक कैमरे की बनावट में बहुत सी समानताएँ हैं  फोटोग्राफिक कैमरे में जिस तरह उत्तल लैंस द्वारा सामने स्थित वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब फिल्म पर बनता है उसी तरह हमारी आँख में कोशिकाओं से बना उत्तल लैंस होता हैजो हमारी आँख के सामने स्थित वस्त का उल्टा प्रतिबिम्ब ‘रेटिना’ पर बनाता है 

हमारी आँख का आकार छोटी गोल गेंद की तरह होता है  आँख कोशिकाओं से बने लैंस की फोकस दूरी में अवश्यकतानुसार परिवर्तन कर पास  दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकती है 

(i) दृढ पटल (Sclera):

यह माँसपेशियों से बना श्वेत अपारदर्शी भाग होता हैजो नेत्र के गोले को ढँके रहता है तथा इसकी सुरक्षा करता है  इसे श्वेत पटल भी कहते हैं 

(ii) कार्निया (Cornea):

यह दृढ़ पटल के सामने उभरा हुआ पारदर्शी भाग होता हैजिसमें होकर प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है  यह नेत्र की सुरक्षा करने के साथ-साथ कुछ हद तक प्रकाश को फोकस करने में मदद करता है 

(iii) आइरिस (Iris):

ADVERTISEMENTS:

आइरिस कार्निया के पीछे एक पर्दा होता है  इसका रंग विभिन्न व्यक्तियों एवं देशवासियों के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है 

(iv) पुतली (Pupil):

आइरि के मध्य एक छोटा सा छिद्र होता है जिसे पुतली कहते हैं 

(v) नेत्र लैंस (Eye Lens):

पुतल के पीछे नेत्र लैंस सिलियरी माँसपेशियों द्वारा अपनी स्थिति में बना रहता है  नेत्र लैंस विभिन्न प्रकार की जीवित कोशिकाओं से बनी एक पारदर्शी झिल्ली की तरह होता है 

(vi) सिलयरी माँसपेशियाँ:

श्वे पटल के उभरे हुए भाग के जोड़ से माँसपेशियाँ लटकती रहती हैं जिनके मध्य नेत्र लैंस लटका रहता है  ये माँसपेशियाँ लैंस पर दाब डालकर उसकी फोकस दूरी को कम या ज्यादा कर सकती हैं 

(vii) नेत्रोद:

कार्निय और नेत्र लैंस के बीच एक पारदर्शी द्रव भरा होता है  इसे नेत्रोद कहते हैं 

(viii) रेटिना:

यह एक सुग्राही पारदर्शी झिल्ली होती हैजिस पर अनेक वह पास या दूर स्थित वस्तुओं को या दोनों तरह की वस्तुओं को नहीं देख पाता है  इन दोषों को दूर करने के लिए अवतल या उत्तल लैंस या दोनों लैंसों से बने चश्मे का उपयोग  प्रकाश संवेदी तंत्रिकाएँ होती हैं  इन तंत्रिकाओं का संबंध मस्तिष्क से होता है  जब ये तंत्रिकाएँ रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के संकेतों को मस्तिष्क में भेजती हैं तो वे उसे सीधा कर देती हैं  अतमस्तिष्क रेटिना पर बनी वस्तु के उल्टे प्रतिबिम्ब को सीधा अनुभव करता है 

(ix) कॉचाभ द्रव:

नेत् लैंस और रेटिना के मध्य एक पारदर्शी द्रव भरा होता हैजिसे कॉचाभ द्रव कहते हैं 

सामान्य दृष्टि वाले व्यक्ति दूर एवं पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकते हैं  ऐसे व्यक्तियों के नेत्रों में कोई दोष नहीं पाया जाता हैपरन्तु बढ़ती हुई उम्र या अन्य कारणों से मनुष्य की आँख में कुछ दोष उत्पन्न हो जाते हैंजिनके कारण  करते हैं 

 

 


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